मीठे सेव, गुड़ के सेव
खाने में बहुत ही स्वाद लगते हैं पहले बाजार की मिठाइयाँ नहीं होती थी तो घरों में महिलाये त्योहारों पर खुद ही देशी मिठाइयाँ तैयार करती थी उनमे से एक स्पेशल मिठाई गुड़ की सेव भी थी...... इन्हीं सेबों से लड्डू भी बनाय जाते थे जिन्हें शायद झार के लड्डू बोला जाता था और बायने की टोकरी की शान होते थे...
बिहार में इसे लक्ठो बोलते हैं और ये वहां की प्रसिद्ध मिठाई हैं...
सर्दियों का स्पेशल स्वीट स्नैक्स गुड़ सेव के बेसन एक बार बनाकर रख लें और 2 महीने तक किसी भी समय मज़े से खाएं......
आइये देखे कि कैसे बनती हैं ये मिठाई ❤️
आवश्यक सामग्री
बेसन- 2 कप (200 ग्राम)
गुड़- 1.5 कप (300 ग्राम) (तोड़ा हुआ)
घी- 1 छोटी चम्मच
तेल- 2 टेबल स्पून और तलने के लिए
बेसन में 2 टेबल स्पून तेल डालकर मिला लीजिए. इसमें थोड़ा-थोड़ा पानी डालकर नरम बेसन गूंथकर तैयार कर लीजिए. इतना बेसन गूंथने में आधे कप पानी का यूज होता है. हाथ पर थोड़ा सा तेल लगाकर चिकना करके गुथे बेसन को मसलकर और चिकना कर लीजिए. इसे ढककर 15 से 20 मिनिट के लिए रख दीजिए, बेसन सैट हो जाएगा.
20 मिनिट बाद बेसन के सैट होने पर एक तरफ कढ़ाही में तेल गरम करने के लिए रख दीजिए और दूसरी ओर सेव बनाने की मशीन लीजिए. इसमें मोटे सेव बनाने की जाली कस लीजिए और मशीन का पिस्टन निकाल लीजिए. हाथ पर थोड़ा सा तेल लगाकर थोड़ा सा गुथा बेसन लीजिए और इसे लंबाई में रोल करके मशीन में डाल दीजिए. मशीन को बंद कर लीजिए. थोड़ा सा टुकड़ा तेल में डालकर देख लीजिए. यह सिक रहा है, तो तेल अच्छा गरम है......
जितने सेव कढ़ाही में आ जाएं, उतने ही मशीन से सेव तेल में तलने डाल दीजिए. जैसे ही तेल पर जो झाग बने, वो कम हो जाए और सेव तैरकर ऊपर आ जाएं, इन्हें पलट दीजिए और सेव को पलट-पलट कर गोल्डन ब्राउन होने तक तल लीजिए.
गोल्डन ब्राउन होने पर सेव को कलछी पर कढ़ाही के किनारे रोककर रखिए ताकि अतिरिक्त तेल कढ़ाही में ही वापस चला जाए और सेव निकालकर प्लेट पर रख लीजिए.
कलछी से सेव बनाने का तरीका
बचे हुए गुथे बेसन से थोड़ा सा बेसन निकालकर कलछी पर रखिए और हाथ की हथेली या चम्मच से दबाते हुए सीधे कढ़ाही में सेव तोड़ लीजिए. सेवों को उसी तरह से तलकर प्लेट में निकाल लीजिए.
गुड़ की चाशनी बनाएं
कढ़ाही में 1 छोटी चम्मच घी डालकर गरम कीजिए. घी में 1 कप गुड़ डालकर धीमी आग पर पिघलने दीजिए. गुड़ के पूरी तरह से पिघलने पर गैस को बिल्कुल धीमा कर लीजिए और सेव को तोड़कर गुड़ में डाल दीजिए. सेवों को अच्छे से लगातार गुड़ में तब तक मिलाएं जब तक कि इनके ऊपर गुड़ की चाशनी की परत ना चढ़ जाए. गैस बंद कर दीजिए.
सेव को एक प्लेट में निकाल लीजिए. बचा हुआ गुड़ भी कढ़ाही में पिघलने के लिए डाल दीजिए.
सेव को ठंडे और अलग अलग होने तक थोड़ा सा चलाते रहें.
बचे हुए सेव भी पिघले हुए गुड़ में डालकर मिलाते हुए अच्छे से कोट कर लीजिए. कोट होने पर गैस तुरंत बंद कर दीजिए और सेव को दूसरी प्लेट में निकाल लीजिए ताकि ये जल्दी से ठंडे हो जाएं. इन्हें भी पहले वाले सेव की तरह कलछी से चलाते हुए अलग अलग कर लीजिए.
गुड़ वाले सेव बनकर तैयार हैं. इनको पूरी तरह से ठंडा होने के बाद किसी भी डिब्बे में भरकर रख लीजिए और 1.5 स 2 महीने तक खाइए.
सुझाव
बेसन को नरम गूंथे ताकि सेव क्रिस्प बने.
सेव को अच्छे गरम तेल में ही तलें, तभी सेव अच्छे से फूलकर सही से सिकेंगे.
घी डालने से गुड़ अच्छे से पिघल जाता है और कढ़ाही के तले पर चिपकता भी नही है.
थोड़ी देर धीमी आंच पर ही गुड़ पर चाशनी की परत चढ़ाने तक सेव को चाशनी में मिलाएं वरना चाशनी ठंडी हो सकती है.......
सेव पर चाशनी की परत चढ़ते ही तुरंत गैस बंद कर दें......❤️
ऋतु चौधरी