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कड़ाके की ठंड में कैसे रखें सेहत का ध्‍यान, बता रही हैं आयुर्वेदिक डॉ. चंचल शर्मा

कड़ाके की ठंड में कैसे रखें सेहत का ध्‍यान, बता रही हैं आयुर्वेदिक डॉ. चंचल शर्मा




सर्दियाँ शुरू होने के साथ शीतलहर चलने से कड़ाके की ठंड पड़ रही है। आपने स्वेटर और दूसरे गर्म कपड़े निकाल लिए होंगे। ऐसे में इस मौसम में सर्दी, खांसी, बुखार जैसी बीमारियां बढ़ने लगती हैं। इससे बचने के लिए ठंड के मौसम में न सिर्फ गर्म कपड़े ही काफी हैं, बल्कि खान-पान की आदतों में भी बदलाव जरूरी है। क्योंकि शरीर को अंदर के साथ-साथ बाहर से भी गर्म रखना जरूरी है। मौसम के अनुसार हमें कई बदलाव करने पड़ते हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि हमारी जीवनशैली और खान-पान मौसम के अनुसार होना चाहिए, इसलिए आयुर्वेद में 'ऋतुचर्या' का उल्लेख किया गया है।


आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर और सीनियर डॉक्टर चंचल शर्मा का कहना है की आयुर्वेद के अनुसार 'ऋतु' का मतलब है 'मौसम' और 'चर्या' यानी 'जीवनशैली और आहार संबंधी नियम' को कहा गया है। आयुर्वेद में 6 ऋतुओं के लिए अलग-अलग चर्या के बारे में बताया गया है। इनका पालन करके हम कई बीमारियों से खुद को बचा सकते हैं। आयुर्वेद का एक अहम पहलू खानपान और जीवनशैली पर जोर देना है जिसके माध्यम से कोई भी स्वस्थ रह सकता है यानी बीमार नहीं पड़ने पर आधारित है। इस उद्देश्य से दिनचर्या और ऋतुचर्या महत्वपूर्ण हो जाती है। आयुर्वेद के मुताबिक, फिट रहने के लिए हमें हर मौसम के गुणों और त्रिदोष यानी वात, पित्त और कफ पर उनके प्रभाव के बारे में जानना जरूरी है।


डॉ. चंचल का कहना है कि सर्दी का मौसम सेहत के लिए अनुकूल माना जाता है, लेकिन थोड़ी सी लापरवाही आपकी सेहत पर भारी पड़ सकती है। पहले भोजन में मौसमी चीजों का पालन करना आसान था क्योंकि केवल मौसमी चीजें ही उपलब्ध होती थीं, लेकिन अब हर मौसम में हर चीज उपलब्ध है। इसलिए खानपान में असंतुलन हो जाता है। सर्दियों में भूख अधिक लगती है और खाना जल्दी पच जाता है। इस समय वात या कफ बढ़े हुए होते हैं, तो गर्मी देने वाला आहार बेहतर होता है। इसके अलावा इन दिनों ठंड बढ़ने से सांस की समस्या, जोड़ों के दर्द और गठिया के मरीजों की संख्या भी बढ़ जाती है। आमतौर पर लोग खांसी-जुकाम से पीड़ित रहते हैं। इसलिए जरूरी है कि मौसम के अनुरूप भोजन करें। 


डॉ. चंचल बताती है कि सर्दी में बिमारी से बचने के लिए ठंड में इन गर्म पेय और गर्माहट देने वाली चीजें लें जैसे कि

अनाज में गेंहू, चावल, ज्चार।

सब्जी में पालक, पत्तागोभी, फूलगोभी, गाजर, अदरक, लहसुन। 

दालों में उड़द, चना और मूंग का सेवन करें। 

मांस में मछली, चिकन, मटन।

फलों में सेब, नारियल, अनानास, अमरुद,आंवला।

डेयरी प्रोडक्ट में घी, दूध, खोवा, पनीर।

मेवे में काजू, बादाम, तिल।

गुनगुना पानी पीए, तुलसी अदरक की चाय।


इसके अलावा आप सेहतमंद जीवनशैली के लिए घर पर योगा करें या फिर बाहर जाक वॉक करें। इस मौसम में धूप में बैठना चाहिए। सरसों व तिलों के तेल से मालिश भी ठंड से बचाने के साथ में तनाव कम कर नींद को बेहतर बनाती है। इसके साथ ही डॉ. चंचल इस बात पर जोर देते हुए कहती है कि गर्म वातावरण से हमें धीरे-धीरे निकलना चाहिए क्योंकि अचानक सर्द-गर्म भी बीमारी की वजह बनता है।

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